Friday, April 06, 2007

बिल गेट्स - बुलंद सितारे

सितारों के सितारे
बिल गेट्स - बुलंद सितारे
-पं. अशोक पंवार 'मयंक'बिल गेट्स को आज कौन नहीं जानता। उनकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट विश्व भर में कम्प्यूटर की जानी-मानी कंपनी है। सामान्य परिस्थिति में जन्मे बिल गेट्स का झुकाव बचपन से ही कुछ विशिष्ट कार्यों की तरफ था। माइक्रोसॉफ्ट के जनक बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर, 1955 को हुआ। धनु लग्न तथा मीन राशि में जन्मे बिल गेट्स की पत्रिका में गुरु भाग्य भाव से लग्न को देख रहा है। लग्नेश की लग्न पर दृष्टि अति उत्तम राजयोग का सृजन करती है, साथ ही जिस भाव से संबंधित ग्रह होता है, उससे संबंधित परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं। लग्न पर उच्चस्थ विराजमान शनि कन्या राशि के मंगल तथा सिंह राशि के गुरु की दृष्टि उनके विशिष्ट व्यक्तित्व की ओर संकेत करती है। शनि से धैर्य, गुरु से प्रभाव और मंगल से उसके साहसी व्यक्तित्व का परिचय मिलता है। दशम भाव में उच्च का बुध कुशल व्यापारी होने की ओर भी संकेत करता है। दशम भाव का मंगल बाहुबली होता है। साहसी व्‍यक्ति ही व्यापार में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते हैं। बुध और मंगल का दशम भाव में समन्वय उनके साहसी चतुर तथा सफल व्यापारी होने का पूर्ण संकेत दे रहा है। बुध केन्द्र में उच्च राशि का होने से ‘भद्र पंच महापुरुष योग’ बन रहा है। धनु लग्न की पत्रिका में शुक्र लाभ भाव तथा छठे भाव का स्वामी होता है। इस पत्रिका में शनि धन भाव (द्वितीय भाव) का स्वामी होता है, संचित धन (पैतृक, वसीयत, जमीन जायदाद) की गणना द्वितीय भाव से की जाती है, एवं धनु लग्न में जिसका शनि अच्छी अवस्था में रहता है, वह व्यक्ति उतना ही ज्‍यादा संचित धन का मालिक होता है।बिल गेट्स की पत्रिका में लाभ भाव का स्वामी शुक्र स्वग्रही होकर लाभ भाव में स्थित है। चूँकि यह ग्रह छठे घर का स्वामी होकर लाभ भाव में गया है, अतः यहाँ विपरीत राजयोग का निर्माण हुआ है। तीसरे, छठे, ग्यारह स्थानों के स्वामी इन्हीं स्थानों पर बैठे हैं तथा इन पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो ये ग्रह सर्वोत्तम फल देते हैं। द्वितीय भाव का स्वामी शनि अपनी उच्च राशि में लाभ में स्थित है। इस शनि ने ही उन्हें अपार धन का लाभ प्राप्‍त करवाया। उनके ग्रह योग आगे भी उन्हें लाभ दिलवाने में सहायक होंगे, यानी उनके सितारे बुलंद ही हैं।
(स्रोत - वेबदुनिया)
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